छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालोंकुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है। सपना क्या है, नयन सेज परसोया हुआ आँख का पानीऔर टूटना है उसका ज्योंजागे कच्ची नींद जवानीगीली उमर बनाने वालों, डूबे बिना नहाने वालोंकुछ पानी के बह जाने से, सावन नहीं मरा करता है। माला बिखर गयी […]
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