One Liners in Hindi

जिसकी नैया तैरती,
बैठे सब उस संग ।
जो फंसता मझधार में,
लड़े अकेले जंग ।
— आशा खत्री

जितना कम सामान रहेगा,
उतना सफ़र आसान रहेगा ।
— गोपालदास नीरज

वह पथ क्या, पथिक कुशलता क्या,
यदि पथ में बिखरे शूल ना हों,
नाविक की धैर्य परीक्षा क्या
यदि धाराएँ प्रतिकूल ना हो ।
— जयशंकर प्रसाद

पुरुष ने जीतने के लिए
ज्ञान रचा, तर्क रचे, ग्रन्थ रचे, धर्म रचे, युद्ध रचे
उसने समन्दर जीता, आसमान जीता, धरती जीती ।
स्त्री ने करुणा रची, और पुरूष को जीत लिया ।
— वीरेंदर भाटिया

Ye Hausla Kaise Jhuke
Ye Aarzoo Kaise Ruke

Manjil Muskil to Kya
Dhudhla Sahil to Kya

Tanhai Ye Dil to Kya

Raah Main Kante Bikhre Agar
Uspe To Phir Bhi Chalna Hi Hai
Shaam Chupa De Suraj Magar
Raat Ko Ek Din Dhalna Hi Hai

Rut Ye tal Jayegi
Himmant Rang Layegi
Subhah Phir Ayegi
Hoo . . .