ना छेड़ो हमें, हम सताए हुए हैं,
बहुत ज़ख्म सीने पे खाए हुए हैं।
सितमगर हो तुम, खूब पहचानते हैं,
तुम्हारी अदाओ को हम जानते हैं।
दगा बाज़ हो, तुम सितम ढाने वाले,
फरेब-ए-मोहब्बत में उलझाने वाले।
ये रंगी कहानी तुम्ही को मुबारक,
तुम्हारी जवानी तुम्ही को मुबारक।
हमारी तरफ से निगाहें हटा लो,
हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्न वालों ।
काली काली जुल्फों के फंदे ना डालो
हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्न वालों
काली काली जुल्फों के फंदे ना डालो,
हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्न वालों।
दीवाना मेरा दिल है, दीवाने को क्या कहिए,
ज़ंजीर में जुल्फों की फंस जाने को क्या कहिए।
काली काली जुल्फों के फंदे ना डालो,
हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्न वालों ।
काली काली जुल्फों के फंदे ना डालो,
हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्न वालों।
सदा वार करते हो तेरे जफा का,
बहाते हो तुम खून अहल-ए-वफ़ा का।
ये नागन सी ज़ुल्फ़ें, ये ज़हरीली नज़रे,
वो पानी ना मांगे ये जिसको भी डस लें।
वो लुट जाए जो तुमसे दिल को लगाए,
फिरे हसरतों का जनाज़ा उठाए।
है मालूम हमको तुम्हारी हकीकत,
मुहब्बत के परदे में करते हो नफरत।
मुहब्बत के परदे में करते हो नफरत,
कहीं और जाके अदाएं उछालो।
हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्न वालों,
काली काली जुल्फों के फंदे ना डालो।
हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्न वालों,
काली काली जुल्फों के फंदे ना डालो।
हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्न वालों,
काली काली जुल्फों के फंदे ना डालो।
हमें जिंदा रहने दो ऐ हुस्न वालों।
अहल-ए-वफ़ा – वफ़ादार – Loyalist