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O Re Manvaa Lyrics Piyush Mishra

ओ रे मनवा संगम है,
बारिश की बूंदों का बंधन है ।
ओ रे मनवा संगम है,
बारिश की बूंदों का बंधन है ।

बिजली की थिरकन,
बादल की धड़कन ।
ऐसे मे क्या मैं बताऊ रे किस किस को,
ओ रे मनवा संगम है,
बारिश की बूंदों का बंधन है ।
बिजली की थिरकन,
बादल की धड़कन ।
ऐसे मे क्या मैं बताऊ रे किस किस को ।

जीवन के पैरों की रूनझुन है,
रूनझुन मे साँसों की सरगम है ।
जीवन के पैरों की रूनझुन है,
रूनझुन मे साँसों की सरगम है ।
सरगम मे बैठे कितने ही पल है,
किसको छुपाऊ, छुपाऊ मैं किस किस को ।

हर बूंद की एक कहानी,
गिर के जमी पे समाए ।
हर बूंद की एक कहानी,
गिर के जमी पे समाए ।
और जो भी सीपी के होंठों को छु ले,
मोती बन जाए ।
हर बूंद की एक कहानी,
गिर के जमी पे समाए ।
और जो भी सीपी के होंठों को छु ले,
मोती बन जाए ।
सीपी कहा से मिलेगी,
पूंछों समंदर से जाकर,
पर जो समंदर के मन को न भाय,
सुनी रह जाए ।

लेकिन मन तो फिर मन है,
ये तो है हरदम, ये हरदम है ।
लेकिन मन तो फिर मन है,
ये तो है हरदम, ये हरदम है ।

कब ये उड़ेगा, कब ये थमेगा,
कैसे सुनाऊ, सुनाऊ मे किस किस को ।
ओ रे मनवा संगम है ।

आओ की ठहरे एक पल यह पर,
रस्ते से धुआ उठा है ।
आओ की ठहरे एक पल यह पर,
रस्ते से धुआ उठा है ।

एक तो यही की सड़क पे खतम है,
दूजा जाता कहा है ।
मंजिल को सोचे तो मंजिल तो होगी ,
यहाँ पे नहीं तो ,
कही पे तो होगी।
मंजिल को सोचे तो मंजिल तो होगी ,
यहाँ पे नहीं तो ,
कही पे तो होगी।
मिल जाएगी वो कभी तो ।

जो भी है, ये ही जीवन है,
ज्यादा कहो या की कम-कम है,
इसके इरादे कोई न जाना
मैं पुंछ आऊ तो आऊ मैं किस किस को,

ओ रे मनवा संगम है,
बारिश की बूंदों का बंधन है ।

बिजली की थिरकन,
बादल की धड़कन ।
ऐसे मे क्या मैं बताऊ रे किस किस को,
मनवा . . .
ऐसे मे क्या मैं बताऊ रे किस किस को,
मनवा . . .



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